हमारी जिंदगी में कुछ दोगले लोग होते हैं जो कि झूठ, कपट, षड्यंत्र से भरे हुए होते हैं। इन झूठ, कपट, षड्यंत्र वाले लोगों पर हमने इस लेख में झूठ छल कपट षड्यंत्र पर शायरी लिखी है जो कि आपको जरूर से पसंद आएगी।
आप झूठ छल कपट षड्यंत्र पर शायरी को अपने WhatsApp Status पर भी शेयर करे। ये शायरियां हमारी टीम ने विशेष रूप से झूठ छल कपट षड्यंत्र रचने वाले लोगों को ध्यान में रखते हुए ही लिखी है। आप शायरी पढ़ना शुरू करे और अपनी जिंदगी में झूठ छल कपट षड्यंत्र से भरे हुए लोगों से दूर रहे।
झूठ छल कपट षड्यंत्र पर शायरी

लोग कहते हैं वक्त के
साथ सब बदल जाता है,
मैं कहता हूं वक्त के साथ तो लोग भी बदल जाते है।
जिसे जान से भी बढ़कर चाहा था मैंने,
उसे ही एक दिन मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचते देख लिया मैंने।
भीड़ के बीच भी मैं तन्हा रह जाता हूँ,
झूठी दुनिया में अब मैं सच्चाई को लेकर कहा जाऊं।
कभी सोचता हूँ
किससे अपना हाल कह दूँ,
यहां तो सभी षड्यंत्र रचने वाले हैं।
हर मोड़ पर एक नया धोखा है,
देने वाला भी अपना ही खास होता है।
बेहतर जीवन के लिए,
झल, कपटी, षड्यंत्र वाले लोगों से दूर रहे।
वफ़ा की किताबें
यहाँ बिकती नहीं अब,
हर किसी ने झूठ, कपट, षड्यंत्र का बाज़ार सजा रखा है।
पर जब इश्क़ के नाम पर,
हो छल, कपट, कोई षड्यंत्र,
जब प्रेम बने कोई हथियार,
फिर भी चुप बैठा संसार।
किसी व्यक्ति के कैसे हो सकते है यह संस्कार।
वो जो कहते थे,
“हम सदा साथ देंगे”,
सबसे पहले षड्यंत्र उन्होंने ही रचा था हमारे खिलाफ।
पर हर पुरुष रावण नहीं होता,
हर मन में छल-कपट नहीं होता।
पर होता है कुछ लोगों में इतना छल कपट की
वह भी रावण से कम नहीं होते।
ज़िन्दगी से क्या
हिसाब किताब करना।
असली षड्यंत्र तो अपनों ने रचा है।
झूठ छल कपट षड्यंत्र वाले लोगों से क्यों रखें हम वास्ता,
सामने आते दिखे
बदल लेना चाहिए अपना रास्ता।
षड्यंत्र पर status
ऐसी झूठ छल कपट षड्यंत्र वाली दोस्ती की जरुरत
नहीं, जो वक्त और माहौल के साथ
बदलती हो 😔
इश्क़ बेमतलब ही सही,
पर झूठे कपटी लोगो से हुआ।
मतलबी लोग सामने तारीफ़,
और पीठ पीछे षड्यंत्र रच रहे है।
खुदा मेरे पीठ पीछे षड्यंत्र रचने वाले दुश्मनों को लम्बी उम्र दें 😇
ताकि वो मेरी क़ामयाबी देख सकें…!
कुछ सही ✔तो कुछ खराब😏 कहते है,
हमारे खिलाफ षड्यंत्र रचने वाले लोगों के बीच में हम रहते है।
अकेला तूं नहीं बेटा….
तेरे जैसे बहुत से कुत्ते षड्यंत्र रचते है मेरी पीठ पीछे।
छल कपट तो मैं भी सीख लूँ तुम्हारी तरह
कई न कई काम आई जाएगा।
षड्यंत्र तो बहुत अच्छा रचा आपने लेकिन मुझे लगता है
कि आपको यह काम भी ठीक से नहीं आता है।
बड़े ही कमजोर हैं दुश्मन सारे,,,
हमारी पीठ पीछे सिर्फ षड्यंत्र ही रच सकते है।
हमारा कुछ कर नही सकते
चाहने वालों के दिल में हूँ
मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचने वालों के दिमाक में हूं।
हवा दुश्मनी की बांकि है
तुम मेरी पीठ पीछे षड्यंत्र रचते हो बस इतना ही काफ़ी है
जब भी कोई मेरी पीठ पीछे षड्यंत्र रचता है।
मुझे अपने आप पता चलता है।
जमाना बहुत खराब है जनाब
कुछ आपके ही खास लोग आपके पीछे षड्यंत्र रच रहे हो।
छल-कपट पर शायरी
झूठे कपटी लोगों का दौर है यारों,
यहां देख कर भी अनदेखा करते हैं हज़ारों।
जिस जिस को अपना बनाता गया
वो शख्स पीठ पीछे षड्यंत्र रचता गया 😔
एक बार को यह जिंदगी अधूरी अच्छी है
इन झूठ छल कपट षड्यंत्र वाले लोगों से तो दूरी अच्छी है..!!
इस झूठ छल कपट षड्यंत्र वाली दुनिया में
ज्यादा अच्छा बनना भी
ख़राब है 😔
झूठ छल कपट षड्यंत्र वाले लोगों का हाल होता है ऐसा,
साथ रहते हैं
जब तक पास होता है पैसा।
मैं हर किसी के लिए नहीं हूं,
मैं उन लोगों से बहुत दूर हूं जो मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचते हैं।
एक बात तुम हमेशा याद रखना। छल कपट और पाप का फल
इसी धरती पे भुगतना पड़ता है
यह समय जो है। किसी को माफ नही करता है।
तुम झूठे इल्जामों की कभी फिक्र ना करो,
ये बात याद रखा कि वक्त का ग्रहण
तो चाँद ने भी झेला है…
षड्यंत्र पर शायरी
उफ्फ ये झूठे लोग षड्यंत्र रचते,
झूठे रिश्ते और तौबा तौबा
उनके झूठे किस्से,
झूठी महफ़िल सजाने
से तो बेहतर
हम तो अकेले अच्छे।
ज़मीन पर सबसे ज़्यादा
बोझ उन नफरतों का है
जो लोगों के दिलों मे
एक दुसरे के लिए हैं
विफल होने पर,
वह झूठा मुझे बताने को निकले,
षड्यंत्र करके, झूठा मुझे बता कर मुझे दबाने को निकले,
बड़े करीब से देखा है इनको
बड़े झूठे कपटी होते हैं ये हुस्न वाले.
झूठी दुनिया, झूठा संसार है
बिना मतलब के यहाँ जीना बेकार है.
कपटी लोगों पर शायरी in Hindi
पहले लोग सच्ची बाते करते थे
अब लोग सिर्फ झूठी बाते करते हैं.
आज़मा कर देख लिया हमने दुनिया वालों को
कोई झूठा था तो कोई कपटी था।
दुनिया का दस्तूर ही ऐसा है
झूठ कपट से भरा है जो इंशान उसी के पास पैसा है।
तुम और षड्यंत्र रचो जीतन रच सकते हो रचो मेरे खिलाफ
मैं तो तुम्हे फिर भी नज़र अंदाज़ करूँगा
है चुनोती मेरी, काले साये से
गिरा ले मुझे नीचे जितना गिराना है तुझे
मैं फिर भी चलूंगा..
मैं फिर भी आगे बढूंगा।
आरंभ हो अंत न हो,
मन इतना भी स्वतंत्र न हो,
सुख थोड़ा मिले कोई बात नहीं,
किन्तु मन में कोई षड्यंत्र न हो।
ये जिंदगी भी अजीब तमाशा है,
उस शख्स को जरूरत बना लेती है
दिल में बसा लेती है जो झूठ छल कपट षड्यंत्र से भरा होता है।
वो मेरी ज़िंदगी की सबसे बड़ी गलती थी,
जो उस झूठे शख्स पर विश्वास कर बैठा।
टूटे हुए अरमानों का
बोझ उठाए फिरता हूँ,
षड्यंत्र करते हैं लोग फिर भी उन्हें में अपना बनाएं फिरता हूं।
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आपको इस लेख की झूठ छल कपट षड्यंत्र पर शायरी (Jhoot kapat shadyantra par shayari) तो जरूर से पसंद आई होगी। आपको इस लेख की शायरी कैसी लगी आप हमें कमेंट में जरूर से बताए और इस लेख को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे। आपको भी झूठ छल कपट षड्यंत्र पर शायरी लिखनी आती है तो आप कमेंट में लिख सकते हो। हम आपके द्वारा लिखी गई शायरी को पढ़ेंगे और हमें आपकी शायरी पसंद आती है तो हम उस छल कपट वाली शायरी को इस लेख में शेयर करेंगे।